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चिंता से कैसे बनायें दूरी ?

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January 5, 2024, 1:22 pm
/
Paras Parivaar Team

चिंता से कैसे बनायें दूरी ?

देखा जाये तो आज की इस भागमभाग वाली जिंदगी में हर कोई परेशान है और हर दिन तनाव से जूझने को मजबूर है। इस भागमभाग में लोग यहाँ तक भूल गये हैं कि वह भाग किसके लिए रहे हैं। काम का प्रेशर, पारिवारिक मुद्दे, स्वास्थ्य संबंधी चिंताएँ और वित्तीय दायित्व रोजमर्रा की जिंदगी के हिस्से हैं जो आमतौर पर तनाव के स्तर को बढ़ाने में योगदान करते हैं।

महंत श्री पारस भाई जी ने कहा कि चिंता, चिता के समान होती है लेकिन फिर भी यह बात बात सच है कि देश और दुनिया में हर व्यक्ति चिंताओं और तनाव से भरा पड़ा है। जिससे आज के समय में अधिकतर लोग डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। इस तरह हमेशा चिंता करना एक बीमारी का रूप ले लेता है और आपको धीरे-धीरे अंदर ही अंदर खोखला कर देता है।

महंत श्री पारस भाई जी कहते हैं कि आज के समय में ऐसे कई मामले देखने को मिल जायेंगे जिसमें लोग चिंता को इतना बड़ा बना लेते हैं कि वो कई वर्षों तक चिंतित दिमाग के रूप में जीवन यापन करने को मजबूर हो जाते हैं। तो आइये आज इस ब्लॉग में चिंता (तनाव) को दूर करने के उपाय, तकनीक या तरीके के बारे में जानेंगे और आशा करते हैं कि आप इन उपायों को जानने के बाद जान पाएंगे कि चिंता से कैसे दूरी बनाई जाये जिससे आप तनावमुक्त जीवन जी सकें।
 

संतुलित आहार लें

 

सबसे मुख्य चीज आपका आहार है जो आपके स्वास्थ्य के हर पहलू को प्रभावित करता है, जिसमें आपका मानसिक स्वास्थ्य भी शामिल है। यदि आप सही आहार नहीं लेते हैं तो आपको कोई भी चिंता जल्दी घेर लेती है। आपके स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाता है। शोध से पता चला है कि जो लोग अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों और अतिरिक्त चीनी से भरपूर आहार लेते हैं, उनमें तनाव के उच्च स्तर का अनुभव होने की संभावना काफी अधिक होती है। 

महंत श्री पारस भाई जी का मानना है कि पर्याप्त आहार नहीं लेने या पर्याप्त पोषक तत्वों से भरपूर संपूर्ण खाद्य पदार्थ नहीं खाने से तनाव को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक पोषक तत्वों, जैसे आयरन, मैग्नीशियम और बी विटामिन की कमी का खतरा बढ़ सकता है। इस तरह असंतुलित आहार आपके पूरे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है और आप चिंता का शिकार हो सकते हैं। इसलिए संतुलित आहार लें जिससे आपके शरीर को ठीक से पोषण मिलता रहे।
 

अपने परेशानी को दोस्तों और परिवार के साथ साझा करें

 

अक्सर आप अपने विचारों में खोए रहते हैं और चिंता करते रहते हो। पर अब चिंता करना बंद करें क्योंकि समय आ गया है परिवार और दोस्तों के साथ जुड़ने का। क्योंकि जब भी आप अकेला महसूस करते हैं या अलग-थलग महसूस करते हैं तो तब दूसरों के साथ जुड़ना आपको भावनात्मक रूप से मजबूत बनने का एक शक्तिशाली तरीका है। अपनी परेशानी, तनाव, चिंता या कोई भी बात परिवार के किसी सदस्य या मित्र के साथ साझा करने से आपको चिंता मुक्त रहने में मदद मिलती है। अपने दोस्तों या परिवार के साथ बात करने से आप अपनी परेशानियों से उबर सकते हैं। क्योंकि यह चिंता को दूर करने का बहुत ही प्रभावी तरीका है।
 

ऐसा काम करें जिससे आप प्यार करते हैं
 

महंत श्री पारस भाई जी ने कहा कि कोई भी ऐसा कार्य करें, जिसको करने में आपको अच्छा महसूस होता है या जिस काम से आप प्यार करते हैं। ऐसा करने से आप अपने तनाव को दूर रख सकते हैं और अपनी चिंता की आदत को कम कर सकते हैं। यानि यह चिंता को कम करने का बहुत ही शानदार तरीका है। कोई भी सकारात्मक कार्य आपकी मानसिक स्थिति को तुरंत बदलने में सक्षम होता है। ये कुछ सकारात्मक कार्य हैं जिन्हें आप कर सकते हैं, जैसे पेंट करें, कुछ लिखें, अपना पसंदीदा गेम खेलें ,अपनी पसंदीदा मूवी देखें, पसंदीदा पॉडकास्ट सुनें, अपना पसंदीदा खाना बनायें और खायें, पसंदीदा संगीत बजाएं आदि।
 

लंबी वॉक
 

लंबी दूरी तक पैदल चलना शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए ही अच्छा माना जाता है। यदि आप लंबी दूरी तक पैदल चलते हैं तो इससे आपका स्ट्रेस भी दूर होता है और ऐसा करने से आपका दिमाग भी शांत होता है। इसका यह फायदा होता है कि इससे आप तनाव और चिंता से निजात पा सकते हैं। इसके अलावा लंबी वॉक से आपकी याददाश्त में भी सुधार होता है।
 

व्यायाम और योगा
 

इस बात को तो हम सब जानते हैं कि व्यायाम करना शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। महंत श्री पारस भाई जी के अनुसार व्यायाम या एक्सरसाइज, आपके शरीर, दिमाग और आत्मा को स्वस्थ रखता है। यहां तक ​​कि साधारण स्ट्रेच से भी चिंता को कम करने में मदद कर सकते हैं। 

योग करने से ना सिर्फ आप आंतरिक रूप से मजबूत होते हैं बल्कि आपकी हेल्थ में भी सुधार होता है। इतना ही नहीं योग मन को भी शांत रखता है। साथ ही तनाव, अवसाद, चिंता और क्रोध में भी कमी आती है। माइंडफुलनेस और मेडिटेशन आपका ध्यान नकारात्मक विचारों से हटा सकता है, आपको चिंतित होने से रोक सकता है और शांति की स्थिति में प्रेरित कर सकता है ।
 

अपनी प्राथमिकताओं को आसान बनाएं
 

चिंतामुक्त रहने के लिए आप अपनी प्राथमिकताओं को आसान बनाएं। चाहे आप जिस भी क्षेत्र में काम कर रहें हों। हो सकता है आपको कुछ काम एक साथ दिए जा सकते हैं, ऐसे में आपको अपनी प्राथमिकताओं को आसान करना होगा। इसके लिए यह देखें कि जो काम सबसे ज्यादा ज़रूरी है उसे सबसे पहले करें यानि उस पर पहले काम करें जिसकी प्राथमिकता अधिक है और दूसरे कार्य को बाद में करें। ऐसा करने से आपके दिमाग में चिंता नहीं रहेगी। 

क्योंकि हम अक्सर एक साथ कई काम करने को तैयार रहते हैं और इस तरह सारा काम बिगाड़ देते हैं। इसलिए कोशिश करें कि सबसे पहले अपनी प्राथमिकता तय करें और उसके बाद ही काम करें। ऐसा करने से आप चिंता से दूर रहोगे।
 

दौड़ना


भले ही आपका दिमाग नकारात्मक विचारों का पीछा नहीं छोड़ पा रहा हो लेकिन टहलने या दौड़ने से आपका ध्यान स्थानांतरित करने में मदद मिल सकती है। एक शोध के मुताबिक यदि आप दिन में सिर्फ पांच मिनट भी दौड़ते हैं तो आप लंबी उम्र तक जी सकते हैं। इस बात से तो हम अच्छी तरह वाकिफ हैं कि दौड़ने से शरीर तंदुरुस्त रहता है लेकिन शायद आप इस बात से बेखबर होंगे कि दौड़ने का जितना असर हमारे शरीर पर पड़ता है उतना ही असर हमारे दिमाग पर भी पड़ता है। 

आपको बता दें कि दौड़ने से एक्सरसाइज के दौरान या एक्सरसाइज के बाद अच्छे-अच्छे न्यूरोट्रांसमीटर, सेरोटोनिन और नॉरपेनेफ्रिन में स्थायी परिवर्तन होते हैं। जिससे हमारा मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर बना रहता है। इसके अलावा आप दौड़ने से अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं और एक्सट्रा कैलोरी को बर्न कर सकते हैं, जिससे आपका शरीर फिट रहता है। इतना ही नहीं दौड़ने से दिल की बीमारी का खतरा भी काफी कम हो जाता है।

 

पूरी नींद लें


अनिद्रा, चिंता का एक आम दुष्प्रभाव है। क्योंकि जब भी आप परेशान रहते हैं और आपका मन अशांत होता है तो उस समय आपको आराम करना चाहिए। और पर्याप्त नींद लेनी चाहिए। ऐसा करने से आपको अपनी चिंताओं को हल करने में मदद मिलेगी। क्योंकि आरामदायक नींद आपके लिए बेहतर होती है और आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायी होती है। महंत श्री पारस भाई जी का मानना है कि पूरी नींद लेने से आपकी चिंता काफी हद तक कम हो जाती है। वहीं नींद के बिना आपकी चिंता कई समय तक बनी रहती है। सोने से पहले ध्यान करें। सोने से कम से कम एक घंटा पहले इलेक्ट्रॉनिक्स का उपयोग बंद कर दें। सोशल मीडिया से कुछ समय के लिए दूरी बना दें। यदि आप अधिक चिंता में हैं तो सोने से पहले अपने विचारों को लिखने के लिए कुछ समय निकालें या फिर सोने से पहले कोई किताब पढ़ें और फिर सो जायें ।
 

प्रकृति में समय बिताएं
 

कई अध्ययनों से पता चला है कि प्रकृति में समय बिताने से आप चिंता से दूरी बना सकते हैं। यदि आप प्रकृति के संपर्क में रहते हैं तो आपको अंदर से अच्छा महसूस होगा। जब भी आप घर से बाहर जाते हैं तो बाहर अधिक समय बिताने से आपको तनाव कम करने में मदद मिल सकती है।

पार्कों और जंगलों जैसी हरी-भरी जगहों पर समय बिताना और प्रकृति में डूबे रहना तनाव को दूर करने का बेहतर तरीका है। अध्ययनों की मानें तो प्राकृतिक वातावरण में सिर्फ 10 मिनट बिताने से लोगों में तनाव और चिंता दूर होती है और मानसिक खुशी मिलती है। इसके लिए आप कैंपिंग, वनस्पति उद्यान या स्थानीय पार्क आदि में जा सकते हैं।
 

किसी पालतू जानवर के साथ समय बिताएं


यदि आप जानवरों से प्रेम करते हैं तो पालतू जानवर के साथ समय बिताएं। पालतू जानवर के साथ समय बिताने से आप अपनी चिंता को कम करने में मदद कर सकते हैं। महंत श्री पारस भाई जी कहते हैं कि जब आप अपने पालतू जानवर को गले लगाते हैं या छूते हैं, तो आपका शरीर ऑक्सीटोसिन छोड़ता है, एक हार्मोन जो सकारात्मक मूड से जुड़ा होता है।

इस तरह आप तनाव दूर कर अपने मूड में सुधार कर सकते हैं। शोध के मुताबिक पालतू पशु मालिकों खासकर जिनके पास कुत्ते होते हैं, उनके जीवन में बेहतर आत्म-सम्मान और उनके चेहरे पर अधिक संतुष्टि देखने को मिलती है। उनके जीवन में अकेलेपन और चिंता का स्तर काफी कम होता है। जिससे उन्हें तनाव से राहत पाने में मदद मिलती है।

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