011-4268 8888
parasparivaarteam@gmail.com
Vaishno Devi | paras bhai ji
Contact
  • Home
  • Who We Are
  • Working With Us
    • Cow Sewa - Cow Care With Mahant Shri Paras Bhai Ji
    • Old Age Home
    • Orphans Home: Providing Hope, Care, And Family For Vulnerable Children
    • Comprehensive Employment Camp Experience
    • Health Treatment for Poor People
    • Help for Physically Handicapped People
    • Shelters for Migrant Labours
    • Education for Poor People
    • Intoxicants Eradication - Treatment And Care
  • Gallery
    • Image Gallery
    • Video Gallery
  • Courses
    • Peak of Happiness
    • Victory over addiction
    • How to defeat over demon
  • Blogs
  • Donate Now

संकष्टी चतुर्थी- संतान सुख और उन्नति की कामना का व्रत

  1. Home
  2. Blog View
January 29, 2024, 6:43 pm
/
Parsas Parivaar Team

संकष्टी चतुर्थी- संतान सुख और उन्नति की कामना का व्रत

संकष्टी चतुर्थी- संतान सुख और उन्नति की कामना का व्रत

 

माघ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। इस तिथि को तिल चतुर्थी या माघी चतुर्थी भी कहा जाता है। इस दिन भगवान गणेश और चंद्र देव की पूजा करने का विधान है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन गणेश जी की उपासना से जीवन के संकट टल जाते हैं। इसके अलावा इस दिन का संबंध संतान प्राप्ति से भी होता है और इस दिन इस व्रत को रखने से संतान की परेशानियां दूर होती हैं। आइये जानते हैं कि कब है संकष्टी चतुर्थी और क्या है इसका महत्व ?

 

कब है संकष्टी चतुर्थी व्रत ?

पारस परिवार के मुखिया महंत श्री पारस भाई जी ने कहा कि संकट चौथ या संकष्टी चतुर्थी का व्रत 29 जनवरी सोमवार को रखा जाएगा। यह व्रत महिलाओं द्वारा अपनी संतान की लंबी आयु और जीवन में सुखों की प्राप्ति के लिए रखा जाता है। महंत श्री पारस भाई जी का मानना है कि यदि इस दिन व्रत रखकर विधि विधान के साथ भगवान गणेश की पूजा की जाये तो भगवान श्री गणेश सारे संकटों को दूर कर देते हैं। संकट चौथ को नई नामों से जाना जाता है, जैसे- तिलकुट, संकष्टी चतुर्थी और माघ चतुर्थी आदि।

 

संकष्टी चतुर्थी पूजन विधि

 

इस दिन उठकर सबसे पहले स्नान करें और फिर सूर्य को अर्घ्य दें। इसके बाद गणेश जी की प्रतिमा को तिलक लगाकर पुष्प, दुर्वा, जल, चावल, जनेऊ, धूप और दीप अर्पित करें। फिर गणेश जी को मोदक या लड्डू का भोग लगाएं। इसके अलावा सबसे मुख्य बात, संकट चौथ के दिन भगवान गणेश को तिल से बनी हुई चीजों का भोग जरूर लगाना चाहिए। साथ ही भगवान गणेश के मंत्रों का जप करें। इस दिन संकट चौथ की कथा का जाप भी करें। शाम को गणेश जी की पूजा के बाद चंद्रमा को जल में तिल डालकर अर्घ्य दें। शाम को चंद्रमा के दर्शन के उपरांत व्रत का पारण करें। 

 

क्या है इस व्रत को रखने का महत्व ?

 

संकट चौथ के दिन भगवान गणेश जी की श्रद्धाभाव से पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से भगवान गणेश जी बहुत जल्दी प्रसन्‍न होते हैं। महंत श्री पारस भाई जी ने बताया कि इस व्रत को महिलाएं अपनी संतान की दीर्घ आयु के लिए रखती हैं। इसके अलावा संकष्टी चतुर्थी की पूजा में व्रत की कथा पढ़ने का भी महत्व है। इस व्रत में संकट चौथ की कथा पढ़ने के बाद ही व्रत को पूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन चंद्र देव को जल देने से संतान को कोई भी रोग नहीं होता है और संतान को सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

 

दुखों से परेशान हैं तो सकट चौथ के दिन ये उपाय जरूर करें

 

इस दिन कई ऐसे उपाय हैं जिनको करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और सभी प्रकार के दुखों का नाश करते हैं। इसलिए संकट चौथ के दिन ये निम्न उपाय करें -

  • संकट चौथ के दिन भगवान श्री गणेश की पूजा में तिल, तिलकुट या सफेद दूर्वा जरूर रखें।
  • संकट चौथ के दिन भगवान श्री गणेश के सामने इलायची और सुपारी रखें  ऐसा करने से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं।
  • इस दिन चंद्रोदय से कुछ समय पहले भगवान गणेश की पूजा कर 108 बार गणेश बीज मंत्र का जाप करने से आपके सारे संकट मिट जाते हैं।
  • अगर आप किसी बात से परेशान हैं तो एक पान के पत्ते पर हल्दी से स्वास्तिक चिन्ह बनायें। उसके बाद उस पत्ते को भगवान गणेश जी को अर्पित करें।
  • यदि आपको मेहनत के बाद भी फल प्राप्त नहीं होता है तो आप श्री गणेश के मंत्रों का जाप करें, जैसे - ऊं गं गणपतये नमः का 11 बार जाप कर तिल और गुड़ के लड्डूओं का भोग लगायें।
  • संतान की लंबी आयु के लिए संकट चौथ या संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रोदय के समय जल में दूध मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए।

 

क्या है संकष्टी चतुर्थी कथा ?

महंत श्री पारस भाई जी ने बताया कि इसी दिन भगवान गणेश जी अपने जीवन के सबसे बड़े संकट से निकलकर वापस आए थे। इसी कारण इसे संकट चौथ कहा जाता है। इसके पीछे की यह कहानी है कि जब एक बार मां पार्वती स्नान के लिए गईं तो उन्होंने दरवाजे पर गणेश जी को खड़ा कर दिया और उनसे कहा कि किसी को अंदर न आने दें। फिर जब भगवान शिव आए तो भगवान गणेश जी ने उन्हें अंदर आने से रोक दिया। उनके इस व्यवहार से भगवान शिव गुस्से में आ गए और फिर उन्होंने अपने त्रिशूल से गणेश जी का सिर धड़ से अलग कर दिया। जब माँ पार्वती ने यह सब देखा तो अपने पुत्र का यह हाल देखकर मां पार्वती रोने बिलखने लगी और भगवान शिव से अपने पुत्र को वापस जीवित करने की जिद्द करने लगी।

फिर मां पार्वती के अनुरोध करने पर भगवान शिव ने भगवान गणेश को हाथी का सिर लगाकर दूसरा जीवन दिया और तभी से गणेश गजानन कहलाए। इसी दिन से भगवान गणेश जी को प्रथम पूज्य होने का गौरव भी हासिल है। यह तिथि गणपति पूजन की महत्वपूर्ण तिथि बन गई।

 

“पारस परिवार” की ओर से आप सबको संकट चौथ 2024 की शुभकामनाएं… भगवान गणेश जी की कृपा आप पर और आपकी संतान पर हमेशा बनी रहे। 





 

Leave a Reply

Search Keywords

Categories

  • Role Of Education In Someone’s Life
  • Feel The Magic Of Health
  • The Better Way to Start the Langar Sewa
  • Cow Serving Makes Your Day
  • क्या है भक्ति, कैसे करें सुफल भक्ति:
  • ज्योतिष के अनुसार ग्रहों का खेल

Let Us Come Together To Make A Difference

Donate Now
Logo | paras bhai guruji

All of you are welcome in PARAS PARIVAAR (Paras Family) with the bottom of my heart.

  • 355, 3rd Floor, Aggarwal Millennium Tower-1, Netaji Subhas Place, Pitam Pura, New Delhi - 110 034
  • 011-4268 8888
  • parasparivaarteam@gmail.com

Newsletter

Get Update Every Week

Bhole baba | Paras Bhai ji
  • About Us
  • Blogs
  • Gallery
  • Contact Us
© Copyright Paras Parivaar 2021.
Terms & Condition | Privacy Policy