011-4268 8888
parasparivaarteam@gmail.com
Vaishno Devi | paras bhai ji
Contact
  • Home
  • Who We Are
  • Working With Us
    • Cow Sewa - Cow Care With Mahant Shri Paras Bhai Ji
    • Old Age Home
    • Orphans Home: Providing Hope, Care, And Family For Vulnerable Children
    • Comprehensive Employment Camp Experience
    • Health Treatment for Poor People
    • Help for Physically Handicapped People
    • Shelters for Migrant Labours
    • Education for Poor People
    • Intoxicants Eradication - Treatment And Care
  • Gallery
    • Image Gallery
    • Video Gallery
  • Courses
    • Peak of Happiness
    • Victory over addiction
    • How to defeat over demon
  • Blogs
  • Donate Now

शिवलिंग क्या है और सनातन परंपरा में क्या है इसकी पूजा का महत्व ?

  1. Home
  2. Blog View
March 18, 2024, 4:00 pm
/
Paras Parivaar Team

शिवलिंग क्या है और सनातन परंपरा में क्या है इसकी पूजा का महत्व ?

शिवलिंग क्या है और इसको क्यों पूजा जाता है। भगवान शिव से जुड़ी सबसे खास बात यह है कि वो केवल शिव ही हैं जिन्हें मूर्ति और निराकार लिंग दोनों रूपों में पूजा जाता है। आइये आज हम इस आर्टिकल में आपको शिवलिंग से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में बताएंगे।
 

शिवलिंग क्या है?
 

शिवलिंग परम ब्रह्म है तथा संसार की समस्त ऊर्जा का प्रतीक भी है। शून्य, आकाश, अनंत, ब्रह्माण्ड और निराकार परमपुरुष का प्रतीक होने से इसे 'शिवलिंग' कहा गया है। महंत श्री पारस भाई जी ने बताया कि शिव पुराण में शिव को संसार की उत्पत्ति का कारण और परब्रह्म कहा गया है।

महंत श्री पारस भाई जी आगे कहते हैं कि शिवलिंग की पूजा समस्त ब्रह्मांड की पूजा के बराबर मानी जाती है, क्योंकि शिव ही समस्त जगत के मूल हैं। भगवान शिव प्रतीक हैं, आत्मा के जिसके विलय के बाद इंसान परमब्रह्म को प्राप्त कर लेता है। शिवलिंग क्या है इसकी बात की जाये तो ‘शिव’ का अर्थ है ‘परम कल्याणकारी’ और ‘लिंग’ का अर्थ होता है ‘सृजन’। लिंग का अर्थ संस्कृत में चिंह या प्रतीक होता है। यानि शिवलिंग का अर्थ हुआ शिव का प्रतीक। भगवान शिव अनंत काल और सृजन के प्रतीक हैं।
 

क्या है शिवलिंग का महत्व ?
 

लिंग शिव का ही निराकार रूप है। शिवलिंग का अर्थ अनंत भी है जिसका मतलब है कि इसका कोई अंत नहीं है न ही प्रारंभ है। वायु पुराण के अनुसार प्रलयकाल में प्रत्येक महायुग के पश्चात समस्त संसार इसी शिवलिंग में मिल जाता है और फिर संसार का इसी शिवलिंग से सृजन होता है। इसलिए महंत श्री पारस भाई जी कहते हैं कि विश्व की संपूर्ण ऊर्जा का प्रतीक शिवलिंग को माना गया है। 

मूर्तिरूप में शिव की भगवान शंकर के रूप में पूजा होती है। शिवलिंग का इतिहास कई हजार वर्षों पुराना है। आदिकाल से शिव के लिंग की पूजा प्रचलित है। सभी देव देवताओं में शिव ही एकमात्र भगवान हैं जिनके लिंगस्वरूप की आराधना की जाती है। श‍िवलिंग को भगवान श‍िव का प्रतीक मानकर पूजा जाता है और इसकी पूजा विधिविधान से की जाती है। 
 

शिवलिंग की पूजा से संपूर्ण ब्रह्मांड की पूजा के बराबर मिलता है फल
 

शंकर भगवान से जुड़ी सबसे खास बात यह है कि केवल शिव ही हैं जिन्हें मूर्ति और निराकार लिंग दोनों रूपों में पूजा जाता है। हिंदू धर्म में शिवलिंग की पूजा का इतना महत्व है कि इसकी पूजा से संपूर्ण ब्रह्मांड की पूजा के बराबर फल मिलता है। ‘ૐ नमः शिवाय’ को महामंत्र माना जाता है। विश्व की संपूर्ण ऊर्जा ही लिंग का प्रतीक है। यह संपूर्ण सृष्टि बिंदु-नाद स्वरूप है। बिंदु शक्ति है और नाद शिव। बिंदु अर्थात ऊर्जा और नाद अर्थात ध्वनि। यही दो मिलकर संपूर्ण ब्रह्मांड का आधार बनाते हैं। इसी का प्रतीक शिवलिंग है जिसकी आस्था से पूजा-अर्चना की जाती है और इस तरह आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
 

विभिन्न प्रकार के ​शिवलिंग का महत्व
 

माना जाता है कि कई प्रकार के रत्नों से बना शिवलिंग धन और ऐश्वर्य प्रदान करने वाला होता है। पत्थर से बना शिवलिंग हर तरह के कष्टों को दूर करता है और सभी मनोकामनाओं को पूरा करने वाला है। इसके अलावा धातु से बना शिवलिंग धन-धान्य देने वाला होता है। शुद्ध मिटटी से बना हुआ शिवलिंग सभी सिद्धियों की प्राप्ति करने वाला माना जाता है। पारा एक धातु है जिसमें चांदी को मिलाकर पारद शिवलिंग का निर्माण किया जाता है। भगवान शिव को पारा बहुत प्रिय है। इसलिए सावन में पारद शिवलिंग की पूजा से शिव जी जल्द प्रसन्न होते हैं। पारद शिवलिंग की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं शीघ्र ही पूरी होती हैं।
 

शिवलिंग के 12 नाम कौन से हैं?
 

भारत में भगवान शिव के लिंग के बारह ज्‍योर्तिंलिंग हैं। शिवजी के स्वरूप का बोध कराने वाला शब्द ‘लिंग’ है। शिवजी के दो स्वरूप हैं। एक भौतिक रूप जो भगवान शिव का प्रत्यक्ष रूप है और दूसरा निराकार रूप जो मंदिरों में स्थापित भगवान शिव का ‘लिंग’ रूप है।

देश भर में शिव के 12 ज्‍योर्तिंलिंग की पूजा बहुत ही श्रद्धा भाव से की जाती है। सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ॐकारेश्वर, वैद्यनाथ, भीमशंकर, रामेश्वर, नागेश्वर, विश्वनाथजी, त्र्यम्बकेश्वर, केदारनाथ, घृष्णेश्वर। ज्योतिर्लिंग उत्पत्ति के संबंध में अनेकों मान्यताएं प्रचलित है।

ज्योतिर्लिंग यानी व्यापक ब्रह्मात्मलिंग जिसका अर्थ है व्यापक प्रकाश। जो शिवलिंग के बारह खंड हैं। महंत श्री पारस भाई जी ज्योतिर्लिंग के विषय में कहते हैं कि शिवपुराण के अनुसार ब्रह्म, माया, जीव, मन, बुद्धि, चित्त, अहंकार, आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी को ज्योतिर्लिंग या ज्योति पिंड कहा गया है।
 

शिवलिंग की पूजा के कुछ नियम
 

मान्यता है कि शिवलिंग की श्रद्धापूर्वक पूजा अर्चना से आपके जीवन से जुड़े सभी कष्ट दूर होते हैं। शिवलिंग की पूजा में हमेशा भगवान शंकर की प्रिय प्रिय चीजें जैसे सफेद पुष्प, धतूरा, बेलपत्र अवश्य अर्पित करने चाहिए। शिवलिंग पर  बेलपत्र को हमेशा उलट कर चढ़ाना चाहिए। शिवलिंग पर भूलकर भी कटा-फटा बेलपत्र न चढ़ाएं। 

महंत श्री पारस भाई जी के अनुसार सभी प्रकार के रोगों को दूर करने के लिए कच्चे दूध एवं गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए। दरअसल शिवलिंग पर चढ़ाया जाने वाला जल अत्यंत पवित्र होता है इसलिए ​शिवलिंग पर चढ़ाया गया जल जहाँ से निकलता है, उसे लांघा नहीं जाता है। ऐसा माना जाता है इसे लांघने पर दोष होता है। इसलिए शिवलिंग की आधी परिक्रमा का विधान है।
 

शिवलिंग के समीप जाप या ध्यान करने से मिलता है मोक्ष का मार्ग
 

शिव की भक्ति हेतु शिव का ध्यान और पूजन किया जाता है। शिवलिंग के समीप मंत्र जाप या ध्यान करने से मोक्ष का मार्ग मिलता है। शिव के जीवन और दर्शन को जो लोग यथार्थ दृष्टि से देखते हैं वे सही बुद्धि वाले और यथार्थ को पकड़ने वाले शिवभक्त हैं। भगवान शिव का ध्यान आप उनकी मूर्ति, चित्र अथवा शिवलिंग के माध्यम से कर सकते हैं। मूर्ति, चित्र अथवा शिवलिंग के सामने बैठकर उस पर ध्यान केन्द्रित करें और ऊँ नमः शिवाय का जप करें, आपके जीवन में सकारात्मकता आयेगी।
 

शिवलिंग की पूजा के फायदे
 

शिवलिंग की पूजा करने के अनेक फ़ायदे हैं-

परिवार में सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति के लिए शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए। शिवलिंग हिंदू धर्म में अत्‍यंत शुभ माना जाता है इसलिए इनकी पूजा करने से व्‍यक्‍ति के विचारों में सकारात्‍मकता आती है और नकारात्मकता दूर होती है। जीवन में सफलता के लिए, दरिद्रता से छुटकारा पाने के लिए और दाम्पत्य सुख के लिए शिवलिंग की पूजा की जाती है। 

यदि आपका मन काम में नहीं लग रहा है तो इसके लिए शिवलिंग की पूजा अवश्य करें। शिवलिंग पर काले तिल चढ़ाने से रोगों का नाश होता है और शरीर स्वस्थ रहता है। अगर शिव मंदिर में शिवलिंग पीपल के पेड़ के नीचे स्थापित हो तो सबसे उत्तम माना जाता है।
 

शिवलिंग से जुड़ी एक कथा
 

देखा जाये तो शिवलिंग का इतिहास कई हजार वर्षों पुराना है। शिव ही एकमात्र भगवान हैं जिनके लिंग स्वरूप की आराधना की जाती है। एक पौराणिक कथा के अनुसार, इसका इतिहास समुद्र मंथन से जुड़ा है। ऐसा माना जाता है कि समुद्र मंथन के समय जब विष की उत्पत्ति हुई तो समस्त ब्रह्माण की रक्षा के लिए उसे महादेव द्वारा ग्रहण किया गया। इस वजह से उनका कंठ नीला हो गया और तब से उनका नाम नीलकंठ पड़ गया। 

लेकिन विष ग्रहण करने के कारण भगवान शिव के शरीर का दाह बढ़ गया। इसलिए उस दाह के शमन के लिए शिवलिंग पर जल चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई, जो आज तक चली आ रही है।
 

क्या कहता है शिवपुराण?
 

शिव पुराण के मुताबिक शिवलिंग पर जल चढ़ाना पुण्य का काम है। इस जल को आप प्रसाद के रूप में ग्रहण कर सकते हैं और ऐसा करना बहुत ही शुभ माना गया है। शिव पुराण के 22 अध्याय के 18 श्लोक के अनुसार शिवलिंग पर चढ़ा हुआ जल पीना शुभ होता है। शिवलिंग का जल पीने से आपकी गंभीर बीमारियां दूर हो जाती हैं और

आपको रोगों से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा महंत श्री पारस भाई जी ने बताया कि शिवलिंग का जल ग्रहण करने से आप मानसिक तौर पर भी स्वस्थ रहते हो और तनाव भी दूर होता है। 

Leave a Reply

Search Keywords

Categories

  • Role Of Education In Someone’s Life
  • Feel The Magic Of Health
  • The Better Way to Start the Langar Sewa
  • Cow Serving Makes Your Day
  • क्या है भक्ति, कैसे करें सुफल भक्ति:
  • ज्योतिष के अनुसार ग्रहों का खेल

Let Us Come Together To Make A Difference

Donate Now
Logo | paras bhai guruji

All of you are welcome in PARAS PARIVAAR (Paras Family) with the bottom of my heart.

  • 355, 3rd Floor, Aggarwal Millennium Tower-1, Netaji Subhas Place, Pitam Pura, New Delhi - 110 034
  • 011-4268 8888
  • parasparivaarteam@gmail.com

Newsletter

Get Update Every Week

Bhole baba | Paras Bhai ji
  • About Us
  • Blogs
  • Gallery
  • Contact Us
© Copyright Paras Parivaar 2021.
Terms & Condition | Privacy Policy