क्या एक ही हैं सनातन धर्म और हिन्दू धर्म ?
सनातन धर्म वो है, जिसके पालन से समाज का कल्याण होता है और यहाँ तक कि मरने के बाद सद्गति प्राप्त होती है। महंत श्री पारस भाई जी का मानना है कि सनातन धर्म वह है जिसमें कल्याण के सिवाय कुछ और है ही नहीं।सनातन धर्म जिसमें कल्याण के सिवाय कुछ और है ही नहीं। सनातन धर्म को हिन्दू धर्म के नाम से भी क्यों संबोधित किया जाता है? सनातन धर्म और हिन्दू धर्म एक ही हैं या फिर अलग अलग हैं? चलिये जानते हैं -
सनातन धर्म विश्व का प्राचीनतम धर्म है। जिसकी उत्पत्ति मानव उत्पत्ति से भी पहले से है। दरअसल भारतीय ज्योतिष पद्धति प्राकृतिक घटनाओं जैसे मौसम, खेती, फसल के समय निर्धारण का वास्तविक अनुमान गणना है और भारतीय ज्योतिष गणना का एक आधार चंद्रमास को भी माना जाता है। चन्द्रमा का एक पर्यायवाची नाम इंदु भी है। ऐसा माना जाता है कि विदेशी इस भारतीय पद्धति को 'इन्तु' जो वर्तमान में उच्चारित 'हिंदू' कहने लगे। कालांतर में विश्व सनातन धर्म को हिन्दू धर्म के नाम से जानने लगे और यह नाम आज तक चलन में है।
यह प्रश्न भी बार बार किया जाता है कि सनातन धर्म हिन्दू धर्म की आधारशिला है? कई विद्वानों का कहना है कि भगवान ने इस श्रृष्टि को बनाते समय कई तरह की वस्तुओं का निर्माण किया होगा। महंत श्री पारस भाई जी ने कहा कि पूरी श्रृष्टि में एक ही धर्म है वो है सनातन धर्म। फिर उन्होंने दिन-रात, जन्म-मृत्यु और धर्म -अधर्म बनाया। धर्म सनातन है और सनातन धर्म है। पूरी श्रृष्टि में एक ही धर्म है वो है सनातन धर्म।
आइये जानते हैं आखिर धर्म है क्या? आपका कर्तव्य ही आपका धर्म है। धर्म प्रेम, सत्य, न्याय, करुणा है। महंत श्री पारस भाई जी के अनुसार जिसका न प्रारंभ है और न अंत है उस सत्य को ही सनातन कहते हैं और सत्य पर आधारित धर्म को सनातन धर्म कहते हैं। सनातनी को ही हिन्दू कहा जाता है इसलिए हिन्दू धर्म है। यानि हम कह सकते हैं कि धर्म पूरी श्रृष्टि की आधारशिला है। सत्य सनातन है। ईश्वर ही सत्य है, आत्मा सत्य है, मोक्ष सत्य है और इस सत्य के मार्ग को बताने वाला सनातन धर्म भी सत्य है। जिसका न प्रारंभ है और न अंत है उस सत्य को ही सनातन कहते हैं और सत्य पर आधारित धर्म को सनातन धर्म कहते हैं। सनातन धर्म यानि सब उससे ही उत्पन्न होते रहते हैं और विलीन भी।
सनातन धर्म को हिन्दू धर्म क्यों कहा जाता है, क्योंकि पहले सनातन धर्म है। विश्व का सबसे पुराना धर्म सनातन धर्म है और जिसकी उत्पत्ति मानव उत्पत्ति से भी पहले से है। इसी से अन्य धर्मों की उत्पत्ति हुई है, सनातन धर्मियों को आर्य, वैदिक और सनातनी कहा गया है।
महंत श्री पारस भाई जी आगे कहते हैं कि हिंदू धर्म न केवल एक धर्म है, बल्कि सदा के लिए सत्य है, यह जीना सिखाता है। इसके मूल्यों का पालन करके कोई भी हिंदू हो सकता है। सनातन धर्म और हिन्दू धर्म में अंतर क्या है जानते हैं, सनातन धर्म शास्वत है और यह धर्म सृष्टि के हर प्राणी पर लागू होता है। दरअसल हिन्दू शब्द केवल भारत देश में रहने वाले लोगो पर ही लागू होता है और यह शब्द भौगोलिकता के आधार पर दिया गया था जो भारतवर्ष के लोगों की पहचान है। आज हिंदू धर्म शब्द का प्रयोग अधिकतर किया जाता है। हमारे संविधान में हमारे धर्म का नाम सनातन धर्म न लिखकर हिंदू धर्म लिखा गया है इसलिए आधिकारिक रूप में अब यही नाम प्रयोग में है।
अब कई लोगों का सवाल है कि क्या सनातन धर्म, हिन्दू धर्म से अलग है ? तो इस पर विद्वानों का जवाब है कि सनातन धर्म या हिंदू धर्म एक ही है, बस कुछ लोग हैं जो इन्हें अलग बताते हैं। इसकी कोई अलग मान्यताएं नहीं हैं, बस देखने के अलग-अलग तरीके हैं। हिंदू धर्म न केवल एक धर्म है, बल्कि सदा के लिए सत्य है, यह जीना सिखाता है। इसके मूल्यों का पालन करके कोई भी हिंदू हो सकता है।
देखा जाये तो सनातन धर्म और हिंदू धर्म समान अर्थो में प्रयुक्त किए जाते हैं। सनातन जो आदिकाल से अनवरत है और भविष्य में भी रहेगा। हिंदू शब्द मध्य एशिया के लोगों द्वारा भारतीय उपमहाद्वीप के वासियों के लिए जो सिंधु नदी के पूरब में निवास करते थे के लिए प्रयुक्त होता था। सामान्यतः हिंदू धर्म और सनातन धर्म में कोई भेद नही है। आधुनिक हिंदू धर्मावलंबी स्वयं को सनातनी कहलाना पसंद करते हैं। सनातन धर्म मौलिक प्राकृतिक धर्म है जिसमें पूरी तरह से स्वतंत्रता है कोई जड़ता नही।