हिंदू धर्म में शंख का क्यों है इतना महत्व ?
महंत श्री पारस भाई जी शंख के महत्व के बारे में बताते हैं कि जिस घर में शंख होता है, वहां हमेशा देवी लक्ष्मी का वास होता है। शंख की पवित्रता और शुद्धता को आप इस बात से भी समझ सकते हैं कि इसे सभी देवताओं ने स्वयं अपने हाथों में धारण किया है।
सनातन धर्म या हिंदू धर्म में शंख का विशेष महत्व है। महंत श्री पारस भाई जी ने कहा कि हिंदू धर्म में शंख को अत्यंत पवित्र और पूजनीय माना गया है। क्योंकि सनातन परंपरा में जब भी कोई शुभ कार्य, पूजा पाठ, हवन आदि होता है तो शंख अवश्य बजाया जाता है। चलिये आज इस आर्टिकल में हम आपको शंख के महत्व और इसके लाभ के बारे में बताते हैं।
भगवान विष्णु को शंख अत्यंत प्रिय है
मान्यताओं के अनुसार समुद्र मंथन से निकले 14 कीमती रत्नों से शंख की उत्पत्ति हुई थी। शंख समुद्र मंथन में से निकले 14 रत्नों में से एक है। भगवान विष्णु को शंख अत्यंत प्रिय है इसलिए भगवान श्री नारायण की पूजा में शंखनाद जरूर होता है। उत्तर पूर्व दिशा में शंख रखने से घर में खुशहाली आती है। भगवान विष्णु हमेशा अपने दाहिने हाथ में शंख पकड़े हुए दिखाई देते हैं। शंख हिंदू धर्म और धार्मिक परंपरा का एक अभिन्न अंग है। जब शंख बजाया जाता है तो ऐसा कहा जाता है कि इससे वातावरण की सारी नकारात्मकता दूर होती है और शंख की ध्वनि से वातावरण बुरे प्रभावों से मुक्त हो जाता है।
शंख सुख-समृद्धि और शुभता का कारक
पूजा पाठ या किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत में शंख का उपयोग किया जाता है। शंख की ध्वनि जीवन में आशा का संचार करके बाधाओं को दूर करती है। पूजा करते समय शंख में रखा जल छिड़क कर स्थान की शुद्धि की जाती है। सनातन धर्म में किसी भी पूजा-पाठ के पहले और आखिरी में शंखनाद जरूर किया जाता है। पूजा-पाठ के साथ हर मांगलिक कार्यों के दौरान भी शंख बजाया जाता है। शंख को सुख-समृद्धि और शुभता का कारक माना गया है। शंख बजाए बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।
शंख के लाभ
- शंख बजाने से हमारी सेहत भी अच्छी बनी रहती है।
- हमारे फेफड़े मजबूत होते हैं और सांस लेने की समस्या दूर होती है।
- नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है।
- घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और वातावरण शुद्ध होता है।
- वास्तु शास्त्र में शंख का विशेष महत्व है। शंख को घर में रखने से यश, उन्नति, कीर्ति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- इससे आरोग्य वृद्धि, पुत्र प्राप्ति, पितृ दोष शांति, विवाह आदि की रुकावट भी दूर होती है।
- शंखनाद से अद्भुत शौर्य और शक्ति का अनुभव होता है इसलिए योद्धाओं द्रारा इसका प्रयोग किया जाता था।
- शंख वादन से स्मरण शक्ति बढ़ती है।
महत्व
पूजा-पाठ में शंख का विशेष महत्व माना जाता है। शंख का प्रयोग वास्तु दोषों को दूर करने के लिए भी किया जाता है। इसके साथ ही शंख बजाने का संबंध स्वास्थ्य से भी है। शंख की पूजा के बारे में महंत श्री पारस भाई जी ने कहा कि तीर्थों में जाकर दर्शन करने से जो शुभ फल प्राप्त होता है, वह शंख को घर में रखने और दर्शन करने मात्र से ही पूरा हो जाता है। धार्मिक कार्यों में शंख बजाना बहुत ही अच्छा माना जाता है।
माना जाता है कि देवताओं को शंख की आवाज बहुत पसंद होती है इसलिए शंख की आवाज से प्रसन्न होकर भगवान भक्तों की हर इच्छा को पूरी करते हैं। वास्तु के अनुसार शंख बजाने से आसपास की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। यही कारण है कि हिंदू धर्म में पूजा में न केवल शंख का इस्तेमाल किया जाता है, बल्कि शंख की भी पूजा की जाती है।
महंत पारस भाई जी ने बताया कि अथर्ववेद में शंख को पापों का नाश करने वाला, लंबी आयु का दाता और शत्रुओं पर विजय दिलाने वाला बताया गया है।
महंत श्री पारस भाई जी बताते हैं कि शंख से घर में पॉजिटिव वाइब्स आती है। शंख से निकलने वाली ध्वनि से बीमारियों के कीटाणु खत्म होते हैं, जिससे आप स्वस्थ रहते हैं।
ध्वनि का प्रतीक माना जाता है शंख
शंख नाद ध्वनि का प्रतीक माना जाता है। शंख की ध्वनि आत्म नाद यानि आत्मा की आवाज की शिक्षा देती है। अध्यात्म में शंख ध्वनि, ओम ध्वनि के समान ही मानी गई है। शंख एकता, व्यवस्था और अधिकार का प्रतिनिधित्व करता है। शंख बजाने से घर की सभी बुराईयां नष्ट होती हैं और घर का वातावरण अच्छा रहता है। शंख जीव को आत्मा से जुड़ने का ज्ञान देता है।
पूजा में क्यों जरूरी माना जाता है शंख?
पूजा घर में दक्षिणावर्ती शंख रखना और बजाना अत्यंत शुभ माना जाता है। महंत श्री पारस भाई जी ने बताया कि प्राचीन काल से ही हमारे ऋषि-मुनि, पूजा या यज्ञ में शंख का इस्तेमाल करते आ रहे हैं। शंख बजाने के बाद ही कोई भी पूजा सफल मानी जाती है। शंख बजाने से ईश्वर का आशीर्वाद मिलता है।
सुबह-शाम शंख बजाने से आपका परिवार बुरी नजर से बचा रहता है। शंख से निकलने वाली ध्वनि सभी समस्याओं और दोषों को दूर करती है। ऐसा माना जाता है कि जिस घर में शंख होता है, वहां पर माता लक्ष्मी की कृपा बरसती है।
शंख का पूजन कैसे करें
घर में नया शंख लाने के बाद उसे सबसे पहले किसी साफ बर्तन में रखकर अच्छी तरह से जल से साफ कर लें। इसके बाद शंख का गाय के कच्चे दूध और गंगाजल से अभिषेक करें। अब शंख को पोंछकर चंदन, पुष्प, धूप और दीप से पूजन करें। इसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का स्मरण करें और हाथ जोड़कर निवेदन करें कि वो हमारे घर में आयें और इस शंख में आकर वास करें।
महान ज्योतिष महंत श्री पारस भाई जी ने कहा कि हर दिन इसी तरह शंख की सच्चे भाव से पूजा करने के बाद ही इसे बजायें। क्योंकि ऐसा करने पर आपको अवश्य ही शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
दूर होती हैं कई बीमारियां
कहते हैं रोजाना शंख बजाने से हमारी मांसपेशियां मजबूत होती हैं। जिस कारण पेट, छाती और गर्दन से जुड़ी बीमारियां दूर होती हैं। साथ ही शंखनाद से श्वास लेने की क्षमता में वृद्धि होती है। शंख बजाने से सांस की समस्याएं भी खत्म होती हैं। सांस की प्रक्रिया सही तरीके से चलती है और फेफड़े स्वस्थ रहते हैं। इसके अलावा इससे थायराइड या बोलने संबंधित बीमारियों में राहत मिलती है।
जब हम शंख बजाते हैं तो तब हमारी मांसपेशियों में खिंचाव आता है जिसकी वजह से झुर्रियों की समस्या भी दूर होती है। शंख में कैल्शियम होता है। यदि आपको त्वचा से संबंधित कोई रोग है तो रात को शंख में पानी भरकर रख दें और फिर सुबह उस पानी से त्वचा पर मालिश करें। ऐसा करने पर त्वचा से संबंधित रोग दूर हो जाते हैं। शंख बजाने से हृदय रोग भी दूर होते हैं।
शंख बजाने से तनाव तो दूर होता ही है, साथ ही मन शांत रहता है। माना जाता है कि यदि आप प्रतिदिन शंख बजाते हैं तो दिल का दौरा पड़ने की संभावना काफी कम हो जाती है।