अमेरिका में 3 सितंबर को “सनातन धर्म दिवस” मनाने का ऐलान
पारस परिवार के मुखिया महंत श्री पारस भाई जी ने कहा कि यह वह धर्म है जिसका अनुसरण करने से सिर्फ परिवार, समाज और देश का ही नहीं अपितु संपूर्ण विश्व का कल्याण निश्चित है। सनातन धर्म जिसके बारे में कहा जाता है कि इस धर्म का न प्रारंभ है और न अंत। यह वह धर्म है जिसका अनुसरण करने से सिर्फ परिवार, समाज और देश का ही नहीं अपितु संपूर्ण विश्व का कल्याण निश्चित है। यह धर्म शाश्वत है, पवित्र है और सत्य के पथ पर अग्रसर करने वाला है। यह धर्म सिर्फ और सिर्फ सबके कल्याण के बारे में सोचता है। लेकिन आज सनातन धर्म पर विवाद करने वाले अनेक लोगों के बारे में अक्सर सुनने को मिलता है। महंत श्री पारस भाई जी सनातन धर्म को एकमात्र ऐसा धर्म मानते हैं जो कल भी था, आज भी है और हमेशा रहेगा। लेकिन सनातन धर्म के महत्व को समझना वर्तमान में जरुरी हो गया है।
सनातन मानवता का धर्म है और अगर इस पर हमला किया गया तो विनाश होगा और दुनिया भर में मानवता के लिए संकट पैदा हो जाएगा। सनातन धर्म ही एकमात्र ऐसा धर्म है, जो कल भी था, आज भी है और हमेशा रहेगा।
सनातन जो अटल है, जिसे बदला नहीं जा सकता और यही इसका मतलब है। सनातन धर्म के महत्व को मानते हुए सनातन पर अमेरिका के लुइसविले शहर में 3 सितंबर को "सनातन धर्म दिवस" (Sanatan dharma day) मनाने का ऐलान किया है। इसका अर्थ यह है कि प्रत्येक वर्ष 3 सितंबर को देश-दुनिया में सनातन धर्म दिवस मनाया जाएगा। दरअसल अमेरिका के लुइसविले (केंटकी) शहर के मेयर ने 3 सितंबर को सनातन धर्म दिवस घोषित किया है। लुइसविले में केंटुकी के हिंदू मंदिर में महाकुंभ अभिषेकम उत्सव के दौरान मेयर क्रेग ग्रीनबर्ग की ओर से डिप्टी मेयर बारबरा सेक्स्टन स्मिथ द्वारा आधिकारिक उद्घोषणा पढ़ी गई है। इसे आधिकारिक करने पर उन्होंने अत्यधिक खुशी भी जताई है।
सनातन धर्म को मानने से आपके जीवन में पॉजिटिविटी आती है लेकिन यह बहुत दुखद है कि भारत में आज कुछ लोग सनातन धर्म के अर्थ, मूल्य और गहराई को सोचे समझे बिना अपने आसपास नकारात्मकता पैदा कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर अमेरिका में, लुइसविले, केंटकी में सनातन धर्म को समर्पित 'सनातन धर्म दिवस' घोषित किया गया। महंत श्री पारस भाई जी ने बताया कि सनातम धर्म अगर शाश्वत है तो वह सिर्फ इसलिए कि इसमें जो कुछ भी बताया गया है, वह इंसान की समझ या बुद्धि के अनुकूल है। यही वजह है कि यह हमेशा रहने वाला है।सनातम धर्म अगर शाश्वत है तो वह सिर्फ इसलिए कि इसमें जो कुछ भी बताया गया है, वह इंसान की समझ या बुद्धि के अनुकूल है। यही वजह है कि यह हमेशा रहने वाला है।
सनातन धर्म अंतहीन है और सनातन धर्म के सार को यदि आप अपने जीवन में आत्मसात करते हैं तो आप सफलता को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं और चुनौतियों से लड़ सकते हैं। देखा जाये तो सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि भारत से बाहर भी बहुत सारे लोगों में सनातन धर्म को लेकर रूचि जागृत हो रही है। सनातन धर्म का मकसद लोगों में जिज्ञासा की गहन भावना को जगाना है। यानि मानवता के परम कल्याण के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि हर व्यक्ति के जीवन में जिज्ञासा का एक गहन भाव लाया जाए। यही सनातन धर्म का असली लक्ष्य है। अब सनातन धर्म को आगे लाने का यह सबसे उपयुक्त समय है।